स्वभाव प्रेमळ।घागर मायेची।
मोकळ्या मनाची।आजी माझी।। …१
काम करी सर्व। उठून सकाळी।
ऐकती भूपाळी।वरांड्यात।। …२
बालपणी आम्हा।लाड करायची।
सर्व नातवांची। मनभर।। …३
भक्तीने देवाची। करायची पूजा।
नाही भाव दुजा। केला तिने।। …४
सतत हसत। फिरे घरभर।
करी क्षणभर। ती आराम।। …५
करी आठवण।नयने भिजून।
तस्वीर पाहून। आजोबांची।। …६
संस्कार शिकवी। घरच्या सर्वांना।
लावी भक्ती मना। पांडुरंगा।। …७
डोळे होते चिंब।होती खूप छान।
येता आठवण। तुझी आजी।। …८
– प्रफुल्ल मुक्कावार, सिंगापूर
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